"न मैं *गिरा*
और न मेरी उम्मीदों के *मीनार* गिरे..!
पर.. *लोग* मुझे गिराने मे कई बार *गिरे*...!!"
सवाल जहर का नहीं था
वो तो मैं पी गया,
तकलीफ लोगों को तब हुई,
जब मैं *जी गया.*
*डाली पर बैठे हुए परिंदे को पता है कि डाली कमज़ोर है ..*
*फिर भी वो उस डाली पर बैठता है क़्योकी उसको डाली से ज़यादा अपने पंख पर भरोसा है. ".........*
"मुस्कुराना" सीखना पड़ता है ...!*
*"रोना" तो पैदा होते ही आ जाता हैं*
और न मेरी उम्मीदों के *मीनार* गिरे..!
पर.. *लोग* मुझे गिराने मे कई बार *गिरे*...!!"
सवाल जहर का नहीं था
वो तो मैं पी गया,
तकलीफ लोगों को तब हुई,
जब मैं *जी गया.*
*डाली पर बैठे हुए परिंदे को पता है कि डाली कमज़ोर है ..*
*फिर भी वो उस डाली पर बैठता है क़्योकी उसको डाली से ज़यादा अपने पंख पर भरोसा है. ".........*
"मुस्कुराना" सीखना पड़ता है ...!*
*"रोना" तो पैदा होते ही आ जाता हैं*
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